मेरा गाँव

मेरे इस ब्लॉग की सबसे बड़ी मुख्य बात मेरे लिए ये है कि header में जो फोटो है मेरे**( गाँव)** की है .... यहाँ होते हुए भी अपने घर को हर रोज देखता हूँ ..........

Thursday, 24 June 2010

नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों.........

गोंला गुठियारों मा व दोड़ा भागी
सागवाड़ों न व काकडी मुंगरी माल्टा की चोरी
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................

छाजा डेनडाला मा उ लुका छुप्पी
माँ की खुगली माँ उ बेसुध से जाणू
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................

फूलु का मैना मा
सारी-सारियों मा फूलेरू की टोली
वो हल्ला वो हुड़दंग उ खेलाणु-खिलानु
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................

थोल आंदा त व मोंज व मस्ती
जेठ का मैना माँ काफुलू का पिछाड़ी
कई माँ सुणों व भामोरों की सैदा
भट्गाणु वों डंडों -डंडों
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................

कभी काळी त कभी लाल हिसर
उ घिंगारू , किन्गोद
सारी सारयों वो पोथालों का घ्वाल
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................

बस्गाल आंदा ही रोप्निओं की मार
वा सेरों की धान
फलेंडा की बार उ तिमलों कु स्वाद
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों .........

कैमा मांगों उ बचपन का दिन
बाबा की वा प्यारी फटकार
माँ कु लाड़........
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ...............

1 comment:

  1. Jabardast site cha dharmi bhai ...teri bhi kya baat cha yaar......awesome mera bhai......keep up the amazing work i'm very happy to see your blog!!!

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