गोंला गुठियारों मा व दोड़ा भागी
सागवाड़ों न व काकडी मुंगरी माल्टा की चोरी
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................
छाजा डेनडाला मा उ लुका छुप्पी
माँ की खुगली माँ उ बेसुध से जाणू
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................
फूलु का मैना मा
सारी-सारियों मा फूलेरू की टोली
वो हल्ला वो हुड़दंग उ खेलाणु-खिलानु
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................
थोल आंदा त व मोंज व मस्ती
जेठ का मैना माँ काफुलू का पिछाड़ी
कई माँ सुणों व भामोरों की सैदा
भट्गाणु वों डंडों -डंडों
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................
कभी काळी त कभी लाल हिसर
उ घिंगारू , किन्गोद
सारी सारयों वो पोथालों का घ्वाल
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ................
बस्गाल आंदा ही रोप्निओं की मार
वा सेरों की धान
फलेंडा की बार उ तिमलों कु स्वाद
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों .........
कैमा मांगों उ बचपन का दिन
बाबा की वा प्यारी फटकार
माँ कु लाड़........
नि भुल्यों मैं कुछ नि भुल्यों ...............
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