वो उनके आने की आहट ने मुझे चोंका दिया
मुझे आज भी याद है..........................
उस लम्हे को अरसा गुजर गया
अर्थ हीन सब्दों को
पंक्तियों में पिरो कर
फिर बिखेरते .........
फिर पिरोते नए अर्थ की तलाश में
मुझे आज भी याद है ......................
फिर उनसे मुलाकात की चाह ने
मेरे सब्दों को नयी दिसा दी
मुझे आज भी याद है .....................
अब हर रोज
कुछ नया लिखने की कोशिस
अन गिनत सब्दों से भरे मन से
सब्दों को नया अर्थ दे कर
उन्हें पंक्तियों में पिरो कर उन्हें देना
मुझे आज भी याद है....................
वो उनके आने की आहात ने मुझे चोंका दिया
मुझे आज भी याद है.......................
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