श्यामे तन्हाई में
लो फिर आज
उनकी याद आई है....
गुजरे
वक़्त की वो
हसीं तस्वीर उभर आई है...!!!
मंद जलते
चरागों की
मध्यम है रोशनी भी
अँधेरे घने है
ख़ामोशी सी छाई है
दूर ...
बिजलियाँ हैं,
टीम -तिमाते
तारों का घना बसेरा है
अपने
आसियाने में
तन्हाई ही तन्हाई है ....
श्यामे तन्हाई में
लो फिर आज
उनकी याद आई है........!!!
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